भटनेर पोस्ट डिजिटल डेस्क. हनुमानगढ़. राजस्थान के पंजाब व हरियाणा सीमा पर स्थित हनुमानगढ़ जिला नशे की गिरफ्त में आ चुका है। आलम यह है कि ‘उड़ता पंजाब’ की तर्ज पर लोग इसे ‘उड़ता हनुमानगढ़’ तक कहने लगे हैं। निशाने पर है युवा। इसलिए कि सबसे अधिक युवाओं को इस गर्त में धकेला जा रहा है। युवाओं पर लगे इस ‘दाग’ को धोने के लिए एक युवा ही सामने आया। नागरिक सुरक्षा मंच के सचिव आशीष गौतम ने स्वामी विवेकानंद जयंती पर 12 जनवरी को नशा मुक्ति का संदेश देने के लिए नंगे पैर पदयात्रा शुरू की। युवा दिवस पर प्रारंभ यह यात्रा महात्मा गांधी के बलिदान दिवस यानी 30 जनवरी को समाप्त हुई। आशीष ने मिनी सचिवालय परिसर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष संकल्प लेकर यात्रा शुरू की थी और फिर टाउन स्थित शहीद स्मारक में गांधी व देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाले शहीदों को स्मरण कर समाज को नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया। इस 19 दिनों में आशीष ने 190 किमी का सफर नंगे पैर चलकर तय किया।
वे इस दौरान हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय के नई खुंजा, सुरेशिया, सतीपुरा सहित गांव पक्कासारणा, जंडावाली, डबलीराठान, पुरुषोत्मवाला, कोहला, धोलीपाल, करणीसर सहजीपुरा, संगरिया के इंद्रपुरा व टिब्बी आदि में गए और लोगों को नशा के दुष्परिणामों से अवगत करवाते हुए इसे त्यागने का संदेश दिया। आशीष गौतम एमएससी बीएड हैं। उच्च शिक्षित व नागरिक सुरक्षा मंच से संस्कारित हैं। जाहिर है, देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाले शहीदों के प्रति उनके मन में असीम श्रद्धा है। वे भारत को सर्वश्रेष्ठ देखना चाहते हैं। आशीष ‘भटनेर पोस्ट’ से कहते हैं, ‘हनुमानगढ़ में जन्मा हूं, पला हूं, अब तक सब कुछ यहीं से मिला है। अब इसे रिटर्न करने का वक्त है। जिले में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति चिंताजनक है। लोग बेमौत मर रहे हैं। परिवार बर्बाद हो रहे हैं। अपराधों में बेहताशा बढ़ोत्तरी हो रही है। अगर यही हालात रहे तो आने वाला समय हनुमानगढ़ के लिए और मुश्किल भरा हो जाएगा। इसे रोकना बहुत जरूरी है। हम कोई एमएलए-एएमपी या कलक्टर-एसपी नहीं हैं कि इसे रोकने के लिए कोई सख्त कदम उठा सकें। हम साधारण जनता है। ऐसे में हमने जन जागरुकता के अलावा क्या कर सकते हैं। लोगों को समझाना हमारा फर्ज है। वही कर रहे हैं।’
जन जागरुकता के लिए नंगे पैर यात्रा का क्या मतलब है ? आशीष कहते हैं, ‘कड़ाके की ठण्ड है। लोग जुराब व जूते के बगैर घर से बाहर नहीं निकल सकते। हम गांधीवादी हैं। गांधी कहते हैं कि सबसे पहले खुद कुछ त्याग करना चाहिए। तभी दूसरे इसे फॉलो करेंगे। हमने कभी कोई नशा नहीं किया। जो लोग भटकाव व बुरी संगत की वजह से नशे की गर्त में हैं, उन्हें यह अहसास करवाने का प्रयास कर रहा हूं कि मैं आपके लिए यह कष्ट उठाने के लिए तैयार हूं। कुछ तकलीफ आप भी उठाइए। नशा छोड़ने में इच्छाशक्ति चाहिए। उसे जगाइए।’
190 किमी नंगे पैर यात्रा का अब तक क्या परिणाम आया ? आशीष कहते हैं कि सुकून मिल रहा है कि लोग मेरी बातों को गौर से सुनते हैं। अभियान का समर्थन कर रहे हैं। मुझे पता है कि इससे नशा जड़ से खत्म नहीं होने वाला। लेकिन इस छोटे से प्रयास से अगर 5-10 लोगों की जिंदगी में कोई सकारात्मक बदलाव आए तो यह मेरी सफलता होगी। मुझे भरोसा है, इतने लोग मेरा साथ जरूर देंगे।’
नंगे पैर यात्रा करने का अनुभव कैसा रहा। यह सुनकर आशीष मुस्कुराते हैं। बोले-‘पैर में छाले भी पड़े, गांठ जैसा भी महसूस कर रहा हूं। लेकिन
इस गांठ से अगर कुछ लोगों के जीवन में सार्थक बदलाव हो तो बार-बार इस तरह की तकलीफ लेना चाहूंगा।’ आशीष उन लोगों व संगठनों के प्रति कृतज्ञता जताते हैं जिन्होंने इस अभियान का समर्थन किया। साथ चले और आगे भी सहयोग देने का वचन दिया है। वे कहते हैं, ‘नशा सामाजिक समस्या है, इसका समाधान भी समाज ही करेगा। शर्त यह है कि समाज इसे अपनी समस्या तो माने। जिस दिन सामूहिक प्रयास होंगे, पुलिस भी जागेगी, प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को भी अपनी जिम्मेदारी का अहसास होगा। फिर इस समस्या से निजात भी मिलेगी’
अहिंसा बोर्ड हनुमानगढ़ के सह संयोजक तरुण विजय कहते हैं, ‘आशीष गौतम की पहल सराहनीय व स्वागतयोग्य है। इसमें हम सब तन, मन और धन से सहयोग कर रहे हैं। युवाओं को अपनी ताकत का अहसास होना चाहिए। यह तभी होगा जब हमारा तन और मन स्वस्थ रहेगा। नशे की वजह से हमारे जिले को बहुत नुकसान हो रहा है। हमें जागृति फैलाने की जरूरत है।’
सामाजिक कार्यकर्ता सचिन कौशिक के मुताबिक, नशे की वजह से जिले में सैकड़ों परिवार बर्बाद हो चुके। कोई संभालने वाला नहीं है। पुलिस सख्ती करे तो हालात बदल सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा। पुलिस तो सिर्फ खानापूर्ति करती है। ऐसे में जागरूकता ही उपचार है इस समस्या से निजात पाने के लिए।
भटनेर किंग्स क्लब ने इस अभियान को खुलकर समर्थन किया। अध्यक्ष कुलभूषण जिंदल के मुताबिक, हम चाहते हैं हमारा जिला नशा मुक्त है। इसके लिए किसी भी अभियान या कदम का हम समर्थन करेंगे और हर तरह से सहयोग करेंगे।
हनुमानगढ बार संघ अध्यक्ष मनजिंद्र सिंह लेघा ‘भटनेर पोस्ट’ से कहते हैं, ‘मुझे अच्छा लगा कि एक युवक इस मुहिम की शुरुआत कर रहा है। गांधी स्मारक पर जाकर हमने इसका समर्थन किया है। इस अभियान में हमारे अधिवक्ता साथी भी तन-मन से सहभागी बनने के लिए तैयार हैं।’