भटनेर पोस्ट डिजिटल डेस्क. हनुमानगढ़.
नगर परिषद सभापति गणेशराज बंसल अपने मौजूदा कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगे। नौ फरवरी यानी राज्य बजट आने से एक दिन पहले दोपहर बाद तीन बजे होने वाली बजट बैठक की तैयारी जोरों पर है। नगरपरिषद सभापति गणेशराज बंसल ने ‘भटनेर पोस्ट’ को बताया कि शहर को मिनी चंड़ीगढ़ बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। बजट में विकास पर ही फोकस रहेगा। हनुमानगढ़ को राजस्थान का बेहतरीन जिला मुख्यालय बनाने के लिए हम लगातार योजनाएं बना रहे हैं, उन्हें अमली जामा पहना रहे हैं। आगे भी यह प्रयास जारी रहेगा।
खास बात है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में शहरी सरकार का बजट 385 करोड़ का होगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष में नगर परिषद बोर्ड ने 309 करोड़ का बजट पारित किया था। इसमें संशोधन करते हुए 326 करोड़ का आकलन किया गया है। नगर परिषद को दिसंबर 2022 तक 145 करोड़ की आय हुई है। लेकिन शहर में विकास कार्य अधिक होने पर वित्तीय वर्ष 2022-23 में संशोधन कर बढ़ोतरी की गई है। आगामी वित्तीय वर्ष में नगर परिषद की ओर से टिब्बी मार्ग का सौंदर्यीकरण, डिस्ट्रिक्ट पार्क में सौंदर्यीकरण, 35 करोड़ की लागत से टाउन हॉल का निर्माण, टाउन दशहरा मैदान में ओपन थियेटर, राजाकोठी में पार्क निर्माण इत्यादि प्रोजेक्ट को शामिल किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, नगरपरिषद ने प्रस्तावित बजट में हुडको से बीस करोड़ रुपए का ऋण लेने की भी योजना तैयार की है। इस राशि से टाउन हॉल का निर्माण किया जाएगा। टाउन हॉल के निर्माण के लिए 35 करोड़ की लागत का आकलन है। इसमें से 12 करोड़ रुपए राज्य सरकार की ओर से स्वीकृति किए गए हैं। शेष राशि नगर परिषद वहन करेगी। वहीं टाउन की पुरानी नगर परिषद की जगह पर नगर परिषद कॉर्मिशियल स्कीम लाने की भी तैयारी कर सकती है। इसके विकास कार्यों का आकलन करते हुए भी बजट में शामिल किया गया है। गत तीन वर्ष में नगर परिषद 170 करोड़ रुपए से अधिक भूखंडों की नीलामी से आय कर चुकी है। इसके अलावा टाउन के यातायात थाने के पास, जंक्शन स्थित राजीव चौक व बस डिपो के पास ट्रैफिक सिंग्नल लाइटें लगाई जा रही हैं। यहां पर ट्रैफिक लाइटें लगाने के बाद अन्य चौक-चौराहों पर भी लाइटें लगाई जाएंगी। इन कार्यों को भी बजट में शामिल किया गया है। गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 309.94 करोड़ का बजट है। इससे पूर्व 2021-22 में 421 करोड़ का बजट था। जिसमें संशोधन कर 223 करोड़ 51 लाख रुपए किया गया था। शहरी सरकार का वित्तीय वर्ष 2015-16 में जहां महज 136 करोड़ का बजट था। 2016-17 में 150 करोड़ रुपए का बजट था। वित्तीय वर्ष 2018-19 में बजट 279 करोड़ का था। वर्ष 2017-18 में 232 करोड़, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 421 करोड़ का बजट का प्रस्ताव पारित किया गया था। जिसे अब 223 करोड़ कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 362 करोड़ का बजट था। वित्तीय वर्ष 2019-2020 में शहरी सरकार का 294 करोड़ का बजट था।