गोपाल झा.
बजरंग पूनिया। साक्षी मलिक। विनेश फोगाट। बबीता फोगाट। ये ऐसे नाम हैं जिन पर भारत गर्व करता है। इसलिए क्योंकि खेल के क्षेत्र में इनसे ही हमारे देश का नाम रोशन होता है। अफसोस, ये सात दिन से दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देकर बैठे हैं। रात के वक्त भी सड़कों पर सोते हैं। सवाल यह है कि अगर देश का नाम रोशन करने वाली बेटियों की भी हिफाजत नहीं कर सकते तो फिर ये सत्ताजीवी इस देश को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं ?
सवाल इसलिए भी मौजूं है क्योंकि जब देश के लिए ये बेटियां मैडल जीतकर आई थीं तो पीएम मोदी ने इन्हें प्र्रधानमंत्री आवास बुलाया था। गुलदस्ते भेंट किए थे, सोशल मीडिया पर खुशी जाहिर की थी, चाय पिलाई थी और आज जब यही बेटियां सात दिन से प्रधानमंत्री आवास से कुछ ही दूरी पर धरना देकर बैठी हैं तो प्रधानमंत्री को उन बेटियों की इज्जत तक की फिक्र नहीं।
दरअसल, जिस बृजभूषण सिंह के खिलाफ ये खिलाड़ी कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं वह बृजभूषण सिर्फ भाजपा का सांसद नहीं है। वह तो खुद को खुलेआम बाहुबली कहता है। चर्चा है, बृजभूषण सिंह का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के साथ प्रगाढ़ संबंध है। इसलिए बेफिक्र है। सरकार भले उसके साथ हो, गोदी मीडिया भले मुंह मोड़ ले, जनता का बड़ा वर्ग भले सत्ताजीवियों की स्तुतिगान में ‘नागरिक धर्म’ भूल जाए लेकिन न्यायालय की साख पर अभी पूरी तरह बट्टा नहीं लगा है। लिहाला, कोर्ट के आदेश पर बाहुबली बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह पर मुकदमा दर्ज हो गया है। हालांकि चर्चा है कि इससे उसकी सेहत पर कोई असर नहीं क्योंकि इससे पहले बृजभूषण पर 58 मुकदमे दर्ज हैं, तभी तो वह खुद को बगैर किसी शर्म के बाहुबली कहता है।
दरअसल, इन खिलाड़ियों ने लंबे अरसे से डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजा रखा है लेकिन सत्ताजीवियों की ऐसी कृपा है कि वह बेखौफ है। देश के गौरव जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं, और ऐसे बाहुबली सत्ताजीवियों की असीम कृपा पाकर कानून व्यवस्था का मखौल उड़ा रहे हैं। हैरानी की बात यह कि हमारे देश के सत्ताजीवी फिर भी बेशर्मी की चादर ओ़ढ़कर कहते हैं, ‘देश बदल रहा है।’ सवाल यह है कि ऐसा बदलाव किस काम का ? जब बेटियां सड़क पर हों। देश का नाम रोशन करने वालों को भी न्याय नसीब न हो। इसलिए कि आरोपित सत्तापक्ष से जुड़ा है या यूं कहिए मोदी और शाह की बीजेपी से जुड़ा है। सत्ताजीवियों की बेरहमी और बेशर्मी देखिए कि किसान आंदोलन की तर्ज पर जंतर मंतर पर भी बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए जाते हैं। राजस्थान से जंतर मंतर जाकर खिलाड़ियों का समर्थन करने पहुंचे सचिन कौशिक ‘भटनेर पोस्ट’ को बताते हैं, ‘शर्म की बात है कि जो खिलाड़ी देश और दुनिया में सेलीब्रेटी हैं, वे इस तरह सड़क पर बैठकर न्याय की गुहार लगा रहे हैं। देखकर मन रो रहा है। आज देश के गौरव इन खिलाड़ियों के 500 बोटल पानी लेकर आया। प्रत्येक नागरिक को एक बार यहां आकर इनका साथ देना चाहिए। मोदी सरकार की अगर यही हठधर्मिता रही तो कोई अभिभावक अपनी बेटियों को खेल की तरफ नहीं जाने देना चाहेंगे।’