“शराबबंदी’ पर सरकार ने अपनाया यह रुख, जानिए…क्या ?

भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
गहलोत सरकार राजस्थान में शराबबंदी की जगह लोगों को शराब से दूर रहने के लिए प्रेरित करेगी। इसके लिए मद्य संयम अभियान चलाया जाएगा। खास बात है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस अभियान का नाम पूर्व विधायक गुरुशरण छाबड़ा जन जागरूकता अभियान रखा है। मुख्यमंत्री का मानना है कि शराबबंदी से बेहतर है लोगों को शराब से दूर रखने के लिए प्रेरित करना। जो व्यक्ति शराब नहीं पीता, उसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। इसलिए लोगों के बीच जाकर शराब से होने वाले नुकसान की जानकारी दी जाएगी। सरकार ने महज तीन माह की कार्ययोजना बनाई है जिस पर करीब ढाई करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। अभियान के तहत शिक्षण संस्थानों में कार्यशालाएं होंगी, मद्य निषेध को लेकर प्रतियोगिताएं करवाई जाएंगी तथा राज्य में शराब के खिलाफ माहौल तैयार किया जाएगा।

शराबबंदी आंदोलन की अध्यक्ष पूजा भारती छाबड़ा ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है। नशा मुक्ति अभियान की संचालिका पूजा भारती छाबड़ा ने जारी वक्तव्य में सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहाकि सरकार का सराहनीय कदम है लेकिन और बेहतर होगा जब गांधीवादी नेता अशोक गहलोत राज्य में शराबबंदी लागू करने का ऐलान करेंगे। गौरतलब है कि पूजा भारती छाबड़ा पूर्व विधायक गुरुशरण छाबड़ा की पुत्रवधू हैं और पूर्व विधायक ने शराबबंदी लागू करने की मांग को लेकर अनशन के दौरान प्राण त्याग दिए थे। उनके निधन के बाद पुत्रवधू पूजा भारती छाबड़ा ने शराबबंदी के लिए संघर्ष का रास्ता अपनाया। इस वक्त करीब 51 दिनों से पूजा छाबड़ा ने अन्न त्याग कर रखा है। वे शराबबंदी के साथ सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग कर रही हैं। सेहत खराब होने पर उन्हें जयपुर के एसएमएस अस्पताल में दाखिल करवाया गया है, जहां उनका उपचार जारी है।

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