“व्यथा दूर करने लिए व्यवस्था ठीक करना जरूरी”

भटनेर पोस्ट न्यूज. जयपुर.
विश्व जागृति मिशन के संस्थापक आचार्य सुधांशु महाराज ने कहा कि जीवन की दशा ठीक करनी है तो जिंदगी की दिशा ठीक करनी होगी। व्यथा को दूर करने के लिए व्यवस्थाओं को ठीक करने की तकनीक को सीखना होगा। जवाहर नगर स्थित एमपीएस स्कूल के तक्षशिला आडिटोरियम में विशेष भक्ति सत्संग में उन्होंने यह बात कही। उन्होंने वेदों और उपनिषद की बातों की सरल व्याख्या करते हुए कहा कि धर्म का सार यहीं है कि हम स्वयं और अपनी संतान के लिए जैसा व्यवहार चाहते है, ठीक वैसा ही व्यवहार मनुष्य मात्र ही नहीं, प्राणीमात्र के साथ भी करे। जीवन में गति तो होनी चाहिए मगर इसकी स्टियरिंग अपने हाथ में रहे और किसी नाजुक मोड़ पर ब्रेक कैसे लगाना है, कैसे खुद पर नियंत्रण करना है, यह कला भी आनी चाहिए, जो जीवन की दशा बदलने के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति में जिंदगी की बेतहाशा गति के साथ बैलेंस करने का गुण होना बहुत जरूरी है।

धार्मिक व्यक्ति को खुद पर ब्रेक लगाना आता है।
संत सुधांशु महाराज ने आत्मावलोकन की सीख देते हुए कहा कि हम यह पता लगाएं कि जीवन को ढंग से जी रहे है या ढोंग कर रहे है। उन्होंने कहा कि सलीके से धर्मपरायण होकर जीवन में आगे बढ़ने वाले लोग परमात्मा को प्रिय होते है। ढोंग से जिया गया जीवन खुद को भी कचोटता है और तुम्हारे अपनो को भी। ऐसे में जिंदगी को ढंग से जीए, ढोंग से नहीं। उन्होंने कहा कि जीवन में रिश्तो को निभाने के लिए एक-दूसरे को बर्दाश्त करने के साथ बाहर की उग्रता और मन के भीतर की व्यग्रता को दूर करने के लिए उपाय करने होंगे। आज दुनियां में आज अशांति की जड़ यह अंदर की व्यग्रता ही है। व्यग्रता मन की बैचेनी है, उसे दूर कर लिया जाए तो बाहर की उग्रता खुद ब खुद ठीक हो जाएगी।
आचार्य ने जीवन में प्रगति और सफलता के लिए 24 घंटे में कम से कम 24 मिनट परमात्मा के ध्यान में समर्पित करने, ईश्वर के संकटमोचक एवं दाता स्वरूप का स्मरण करते हुए मंदिर जाने, मंदिर में भगवान की कृपा प्राप्त करने और प्रार्थना करने के तरीकों के साथ ही पूरी तरह समर्पित होकर विधाता को नमन करने (प्रणिपात) के गुर भी श्रद्धालुओं को बारीकी से समझाएं।
इस मौके पर विशेष रूप से पधारे महामंडलेश्वर स्वामी महेश्वरानंदजी ने कहा कि कई देशों में उनके अनुयायी मांस-मदिरा का सेवन नहीं करने का प्रण लेकर शाकाहार को अपना रहे है, जबकि भारत में जहां शाकाहार की परम्परा रही है, लोग इन व्यसनों की ओर प्रवृत हो रहे हैं, जो चिंता का विषय है। कार्यक्रम में विजामि प्रमुख सुधांशुजी महाराज ने महामंडलेश्वर स्वामी महेश्वरानंद जी का साफा पहनाकर अभिनंदन किया, वहीं जयपुर मंडल के अध्यक्ष मदन लाल अग्रवाल सहित समस्त पदाधिकारियों ने गुरूदेव सुधांशुजी महाराज का नागरिक अभिनंदन किया। भक्ति सत्संग में जस्टिस दीपक माहेश्वरी, केन्द्रीय पर्यवेक्षक मनोज शास्त्री सहित किशनगढ़, लालसोट एवं प्रदेश के अन्य हिस्सों से आए श्रद्धालुओं सहित गुलाबी नगरी के गणमान्य नागरिक और प्रबुद्धजन मौजूद रहे। कार्यक्रम की गतिविधियों का संचालन जयपुर मंडल के कोषाध्यक्ष गोपाल बजाज ने किया।

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