भटनेर पोस्ट न्यूज. जयपुर.
भाजपा नियोजित तरीके से संगठन में फेरबदल कर ‘परिवार’ को एकजुट करने में जुटी है। प्रदेशाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष व उप नेता प्रतिपक्ष पद पर नियुक्ति के बाद अब सबकी नजर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधराराजे पर टिकी है। माना जा रहा है कि अब पार्टी में राजे को दायित्व मिलना बाकी है। चूंकि वे सबसे सीनियर हैं, इसलिए सबसे बाद उनकी ताजपोशी होगी। अब राजनीतिक गलियारे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर जब सभी महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति हो गईं तो अब बीजेपी में राजे के लिए क्या बचा है ? लेकिन राजनीति के जानकार मानते हैं कि अभी राजे के लिए दो पद बचे हैं जो उनके कद के हिसाब से मायने रखते हैं। पहला पद है, सीएम पद का चेहरा और दूसरा है प्रचार समिति की कमान उनके हाथों सौंप दी जाए। पार्टी के एक बड़े नेता ‘भटनेर पोस्ट’ को बताते हैं, ‘सीएम पद का चेहरा किसी को नहीं बनाया जाएगा। यह पार्टी तय कर चुकी है। अब पार्टी में चेहरा एक ही रहेगा और वह खुद नरेंद्र मोदी हैं। रही बात प्रचार समिति अध्यक्ष की तो इस पर वसुंधराराजे की ताजपोशी संभव है।’ माना जा रहा है कि इस महीने वसुंधराराजे को लेकर अंतिम फैसला हो जाएगा। क्योंकि पार्टी अब किसी तरह की देरी करने के मूड में नहीं है।
क्यों महत्वपूर्ण हैं राजे ?
दरअसल, वसुंधराराजे राजस्थान भाजपा में सबसे लोकप्रिय चेहरा मानी जाती हैं। मोदी और अमित शाह के साथ संबंधों में खटास आने के बाद उन्होंने अनुशासन की मर्यादा में रहकर हर बार उन्हें अहसास करवाया कि राजस्थान में पार्टी उन्हें दरकिनार नहीं कर सकतीं। उन्होंने देवदर्शन यात्रा हो या फिर अपना जन्मदिन समारोह। कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटाकर इसका प्रमाण दिखाया। सालासर में हुए समारोह में पार्टी के लाख प्रयासों के बावजूद जब 72 में से 52 विधायक राजे खेमे में नजर आए तो मोदी-शाह के लिए यह बड़ा झटका था। यही वजह है कि राजे को लेकर मोदी-शाह को रणनीति बदलने बदलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। यही राजे की बड़ी ताकत है और सफलता भी। बेशक, मौजूदा भाजपा में मोदी-शाह को चुनौती देने का माद्दा सिर्फ राजे के पास है।