भटनेर पोस्ट न्यूज. जयपुर.
सूबे की सियासत में कांग्रेस और भाजपा भले एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए हरदम तैयार रहती हो लेकिन दोनों इन दिनों आपसी कलह से परेशान है। फिलहाल आपसी कलह की भी नहीं है। बीजेपी में जहां बुगुर्जवार नेताओं को ‘डराया’ जा रहा है वहीं कांग्रेस में युवाओं को ‘इंतजार’ करने की घुट्टी पिलाई जा रही है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने 70 प्लस फार्मूला लागू करने की मांग कर बुजुर्ग नेताओं की नींद में खलल डाल रखी है।
इसका प्रमाण भीलवाड़ा में नजर आया जब पूर्व विधानसभाध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने राजनीतिक दलों के बहाने बीजेपी पर तंज कस दिया। बकौल मेघवाल, ‘राजनीतिक पार्टियां एससी जाति के लोगों को गुलाम की तरह रखती है। उन्हें स्वतंत्र बोलने की आजादी नहीं होती है। अगर स्वतंत्र बोलते है तो टिकट कट हो जाते है।’ दरअसल, उनके इस बयान के कई राजनीतिक मायने लगाए जा रहे है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भाजपा के 70 प्लस फार्मूले के बाद अब मेघवाल को आगामी चुनाव में टिकट की चिंता सताने लगी है।