भटनेर पोस्ट ब्यूरो. हनुमानगढ़.
जिले की स्थिति को देखते हुए नशा नासूर बनता जा रहा है। लिहाजा, प्रशासनिक स्तर पर भी नशे की रोकथाम के लिए कवायद शुरू हुई है। जिला प्रशासन अब पुलिस और अन्य विभागों के सहयोग से एक्शन प्लान बनाने में जुटा है। कलक्टर रुक्मणि रियार कहती हैं, ‘पिछले दिनों वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मुख्य सचिव स्तर की बैठक में, देश से चार कलक्टर को हिस्सा लेने का मौका मिला जिसमें हनुमानगढ़ से मुझे मौका मिला। वीडियो कांफ्रेंस में बताया कि देश दो बड़ी समस्याओं से जूझ रहा है, साइबर अटैक तथा नशे की समस्या। यह विदेशी ताकतों द्वारा चलाया गया देश में सॉफ्ट वार है। आज नशे की समस्या से पूरा देश जूझ रहा है तो हमारा कर्तव्य बनता है कि हम अपना दायित्व निभाएं। पुलिस एनडीपीएस में प्रभावी कार्यवाही करे और नशे की गिरफ्त में जा रहे युवाओं को रोके।’
कलक्टर रुक्मणि रियार के मुताबिक, ओलंपिक खेलों के आयोजन से पहले युवाओं को नशा ना करने कि शपथ दिलाए जाएंगे। स्वीप गतिविधियों के अंतर्गत एंटी ड्रग अभियान चलाया जाएगा। शारीरिक शिक्षकों का बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और वो बच्चों से इंटरेक्शन बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। खेतिहर मजदूरों पर भी ध्यान देने की जरूरत है तथा उन पर नजर रखनी होगी कि वे जीवन में किस तरह का नशा करते हैं।
कलक्टर रुक्मणि रियार कहती हैं, ‘एसडीएम को निर्देश दिए हैं कि वे नशा मुक्ति केंद्रों का संयुक्त टीम बनाकर निरीक्षण करें और उनमें क्या सुधार किया जा सकता है, उसी अनुरूप प्रभावी सुधार करवाएं। सीएलजी, पुलिस मित्र, मंडे मीटिंग इत्यादि के माध्यम से नशे की रोकथाम पर चर्चा हो। विभागों से समन्वय कायम कर इंटेलिजेंस मजबूत करने की जरूरत है। नशे कि सामग्री का प्रोडक्शन जिले में नहीं हो रहा। यह पड़ोसी राज्यों से आ रहा है, इसलिए मैन्युफैक्चर पर भी कार्यवाही होना जरूरी है। गांधी दर्शन शिविरों, नशा मुक्ति की फिल्मों से जागरूता लाई जा सकती है।’
ड्रोन से नशीली पदार्थों की सप्लाई
जिला कोआर्डिनेशन सेंटर की बैठक में एसपी सुधीर चौधरी ने स्वीकार किया कि नार्काे की समस्या से पूरा देश प्रभावित है। उन्होंने नशे के खिलाफ सभी विभागों के बीच सामंजस्य को आवश्यक बताया। एसपी सुधीर चौधरी के मुताबिक, जिले में नशे के सप्लाई के लिए बॉर्डर एरिया में ड्रोन से और अन्य टेक्नोलोजी का प्रयोग किया जा रहा है। पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, शिक्षकों इत्यादि ग्राउंड लेवल के कर्मचारियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक से जानकारी आपस में साझा हो और रेगुलर इंटरेक्शन हो यह जरूरी है। नए एनडीपीएस एक्ट के प्रावधानों कि जागरूकता बढ़े। यूथ को नशा जागरुकता अभियान में अधिक से अधिक जोड़े। नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है, स्कूलों और कॉलेजों के पास अगर कोई नशा बेचता हुआ मिलता है तो एनडीपीएस के साथ जेजे एक्ट में भी कार्यवाही हो। एसडीएम ड्रग्स बेचकर कमाई गई अवैध संपति को चिह्नित करें, उन्हें हटवाने की कार्यवाही की जाएगी।
1900 में से 600 मेडिकल स्टोर्स के पास लाइसेंस
ड्रग इंस्पेक्टर पंकज जोशी ने बताया कि जिले में 1900 के करीब मेडिकल स्टोर्स है, जिनमे से 600 के पास ही एनडीपीएस दवाईयों का लाइसेंस है, सभी 600 मेडिकल स्टोर्स में अंदर और बाहर दोनों जगह सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए है और बिना डॉक्टर की पर्ची के दवाइया वितरित नहीं की जा रही है।