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करणपुर के विधायक और गहलोत सरकार में मंत्री रहे गुरमीत सिंह कुन्नर ने आखिरकार दुनिया को अलविदा कह दिया। इस खबर के साथ ही करणपुर और आसपास के क्षेत्र में उनके समर्थक गमगीन हो गए हैं। कुन्नर के बेटे रूपिंद्र एम्स दिल्ली से शव लेकर करणपुर के लिए रवाना हो गए हैं। 16 नवंबर को पैतृक गांव पदमपुर में अंतिम संस्कार किया जाएगा। दरअसल, किडनी की खराबी की वजह से कुन्नर कुछ साल से अस्वस्थ चल रहे थे लेकिन उन्होंने बीमारी को कभी खुद पर हावी न होने दी और हमेशा जनता के बीच रहे। हालांकि इस बार उन्होंने खुद चुनाव लड़ने से मना कर दिया था और अपने बेटे के लिए टिकट मांगा था लेकिन ऐसा संभव नहीं हुआ। पार्टी ने उनकी लोकप्रियता को देखते हुए चुनाव मैदान में उतारा था।
सरपंच से सियासी सफर की शुरुआत करने वाले गुरमीत सिंह कुन्नर किसानों, मजदूरों और छोटे व्यापारियों की पहली पसंद रहे। यही वजह है कि जब कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो भी जनता ने उन्हें निर्दलीय विधायक बनाया। कुन्नर गहलोत सरकार में मंत्री भी रहे।