भटनेर पोस्ट डिजिटल डेस्क. जयपुर.
असम के नवनियुक्त गवर्नर गुलाबचंद कटारिया को सत्तापक्ष व विपक्ष ने भावुक शब्दों के साथ विधानसभा से विदाई दी। इस मौके पर कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सच्चे अर्थों में जन नेता बताया। कटारिया ने कहा, ‘मैंने सांसद के तौर पर 1980 में गहलोत साहब को देखा है। मैं 1980 में विधायकपुरी में रहता था। गहलोत साहब उस समय भी टेलीफोन करने के लिए दो-दो घंटे स्वागत कक्ष पर बैठते थे। अपनी जनता के लिए काम करने का जुनून तो ऐसा ही होना चाहिए, गहलोत की यह बात मैंने उस समय भी नोट की थी। अच्छी बात कहीं से भी मिले उसे मैं लेने से नहीं हिचकता, चाहे वह इधर का हो या उधर का, जो सच है वह तो सच ही रहेगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘आप जब भावुक होते हैं तो और ढंग से बोलते हैं। जब आप कैमरे के सामने जाते हो तो हमारी खूब ऐसी की तैसी करते हो, आपने कमी नहीं रखी, हमारी, हमारे नेतृत्व की और मेरी भी। कोई कंजूसी नहीं रखी, जमकर आपने कैमरे के सामने क्या-क्या नहीं बोला होगा, वो लोगों के जेहन में है। आज के बाद अब आप बीजेपी के लिए न गुलाबजी भाई साहब रहोगे न सत्ता पक्ष के लिए गुलाबचंद कटारिया रहोगे। आप नए रूप में आ गए हो। अब भाई साहब वाली बात नहीं रहेगी। अब आप गर्वनर बन गए हो। उम्मीद है आप संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करते हुए असम में राजस्थान का डंका बजाएंगे।’
अपने भाषण के दौरान कटारिया भावुक भी हुए। बोले-‘ मैं आपका हूं, राजस्थान का मान और सम्मान बढ़ाना मेरी जिम्मेदारी है। विश्वास दिलाता हूं कि मेरे किसी आचरण से राजस्थान का गौरव नहीं गिरेगा, बल्कि गौरव बढ़ेगा। इतना भरोसा दिला सकता हूं, मुझे जो भी सेवा का मौका देंगे, प्रदेश हित में जो काम किए जा सकते हैं, इसके लिए प्रधानमंत्री के पास जाना होगा तो जाऊंगा। राजस्थान का उत्थान मेरा उत्थान है।’