गहलोत ने खोली मोदी की पोल, जानिए…कैसे ?

भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.
राजस्थान विधानसभा में प्रधानमंत्री बनाम मुख्यमंत्री के बीच मुकाबला तय हो गया है। बीजेपी ने पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव मैदान में उतरने का एलान कर दिया है तो कांग्रेस भले सीएम फेस घोषित नहीं कर रही लेकिन इतना तय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा। लिहाजा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पीएम मोदी को लगातार निशाने पर ले रहे हैं। मीडिया से मुखातिब गहलोत ने मोदी के ‘भ्रष्टाचार मुक्त भारत’ पर कटाक्ष करते हुए कहाकि सत्ता के लिए मोदी किसी भी हद तक जा सकते हैं। बकौल गहलोत, ‘महाराष्ट में आपने देखा कि किस तरह मोदी और अमित शाह अजित पवार का नाम लेकर उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे थे। इसके दो दिन बाद ही पवार को भाजपा में शामिल कर उन्हें डिप्टी सीएम बना दिया। इतना ही नहीं, पवार को राज्य का खजाना ही संभला दिया।’ गहलोत के मुताबिक, यह भाजपा और मोदी-शाह का असली चेहरा है, जिसे लोग पहचानने लगे हैं। मोदी के कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है।
गहलोत ने कहा कि ऐसा उदाहरण कभी भी कहीं भी देखने को नहीं मिला किसी आदमी पर प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार को आरोप लगाते हैं उसकी पार्टी में शामिल होते ही सारे पाप धुल जाते हैं।
गहलोत ने मौजूदा राजनीतिक दौर को भयावह बताते हुए कहाकि लोकतंत्र को बंधक बनाने का प्रयास हो रहा है। विपक्ष को डराने के लिए सीबीआई और ईडी का बेजा इस्तेमाल हो रहा। पिछले नौ साल में जितनी भी कार्रवाई हुई, उनमें 90 फीसद नेता विपक्षी हैं। तो क्या बीजेपी के नेता दूध के धुले हुए हैं ?
गहलोत के मुताबिक, देश सांप्रदायिकता की आग में झुलस रहा है। भाईचारे की भावना खत्म होती जा रही है। हर कोई एक-दूसरे को संदेह की नजर से देखने लगा है। आखिर, यह कौन सा भारत बना रही है बीजेपी। उन्होंने कहा कि देश में जिस तरह का माहौल चल रहा है बेहद चिंताजनक है।
गहलोत ने कहा कि अपराध बढने का झूठ फैला कर राजस्थान को बदनाम किया जा रहा है जबकि एनसीआरबी की रिपोर्ट कहती है कि भाजपा शासित राज्यों की तुलना में राजस्थान में अपराध घटे हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट करती है कि अपराध में वृद्धि और अपराध पंजीकरण दोनों अलग बात है। राजस्थान भाजपा के नेता एनसीआरबी की रिपोर्ट पढ़े बगैर बयान जारी करते हैं और प्रदेश को बदनाम कर रहे हैं। राजस्थान में अनिवार्य फिर के कारण अपराध पंजीकरण में वृद्धि हुई है जबकि 2018 से अब तक अपराधों में कमी आई है। सरकार की नीति है कि थाने में आने वाले प्रत्येक फरियादी को न्याय मिलना चाहिए इसलिए अनिवार्य फिर नीति लागू की गई। गहलोत ने तमाम आंकड़े दिखाकर यह साबित करने की कोशिश की, कि राज्य में भाजपा शासित राज्यों की तुलना में कानून और व्यवस्था की स्थिति बहुत बेहतर है। 

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