इस्तीफा के बहाने ‘पकड़’ मजबूत करना चाहते हैं पवार!

भटनेर पोस्ट पॉलिटिकल डेस्क.
एनसीपी के संस्थापक अध्यक्ष शरद पवार के त्यागपत्र दिए जाने से महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि मुल्क की सियासत गरमा चुकी है। अमूमन हर सियासी दलों के रणनीतिकारों की नजरें पवार के फैसले पर जा टिकी हैं। अब वे पवार की अगली रणनीति का इंतजार कर रहे हैं। एनसीपी में जिस तरह पवार के समर्थन में इस्तीफे दिए जा रहे हैं, ऐसे में उनका यह बयान अहम माना जा रहा है कि उन्हें दो-तीन दिन समय दिया जाए ताकि वे इस पर फिर से विचार कर सकें। ऐसे में माना जा रहा है कि पवार अपना इस्तीफा वापस ले लेंगे। देखा जाए तो पवार से पहले महाराष्ट्र में ही शिव सेना के संस्थापक बाला साहब बाल ठाकरे भी यह खेल कर चुके हैं। इससे उन्हें सियासी फायदा हुआ था। माना जा रहा है कि जिस तरह पवार के भतीजे अजीत पवार ‘अति महत्वाकांक्षी’ होते जा रहे हैं, शरद पवार के लिए यह अहसनीय होता जा रहा है। वे मन से अपनी बेटी सुप्रीया को उत्तराधिकारी बनाना चाहते हैं लेकिन अजीत पवार का रुख सही नहीं है। ऐसे में पार्टी पर अपनी पकड़ को परखने के लिए पवार ने यह दांव खेला है। वे इसी बहाने पार्टी में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो आखिरकार, पवार मान जाएंगे। 

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