आ रहा है ‘बचत, राहत और बढ़त’ वाला बजट!

भटनेर पोस्ट डिजिटल डेस्क. जयपुर.
बचत, राहत और बढ़त। जी हां। यह स्लोगन नहीं, थीम है गहलोत सरकार के इस कार्यकाल की आखिरी बजट की। पह

ली बार ऐसा हो रहा है जब बजट पेश होने से पहले चर्चा में आ गया हो। राजधानी में जगह-जगह लगे हॉर्डिग्स राहगीरों को न सिर्फ आकर्षित कर रहे हैं बल्कि उन्हें ठिठककर पढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। बात इतनी सी नहीं है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भले 10 फरवरी को विधानसभा में बजट पेश करेंगे लेकिन आम जन में प्रस्तावित बजट को लेकर उम्मीदें परवान चढ़ने लगी हैं। माना जा रहा है, राज्य सरकार का यह बजट केंद्र सरकार की तरह लोक लुभावन व ‘वोट जुटावन’ का प्रयास करने वाला साबित होगा।
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी गांधीवादी सोच के लिए जाने जाते हैं। पिछले कुछ सालों से जिस तरह महंगाई आसमान छू रही है, गहलोत आम जन को राहत देने के मूड में हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बजट की थीम के अनुसार आम लोगों के घर खर्च में बचत होनी चाहिए, उन्हें राहत मिलनी चाहिए और भविष्य के लिए रोजगार के साधन बढ़ने चाहिए। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने पिछले सप्ताह सभी राज्यों को रिपोर्ट भेजी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय प्रत्यक्ष करों में हिस्सेदारी के मामले में राजस्थान पूरे देश में पांचवें नम्बर पर है। ऐसा पहली बार हुआ है। देश में 2020-21 में 9 लाख 47 हजार 176 करोड़ रुपए प्रत्यक्ष कर में मिले हैं। अब 2021-22 में यह राशि बढ़कर 14 लाख 12 हजार करोड़ रुपए हो गई है। इसमें आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, गुजरात व महाराष्ट्र के बाद सबसे ज्यादा हिस्सेदारी राजस्थान को मिलेगी। यह करीब 6.02 प्रतिशत होगी।

पीसीसी के पूर्व सचिव सुरेंद्र दादरी कहते हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कर रही है। पिछले साल सरकार ने जब करीब 23 हजार करोड़ रुपए उधार लेकर घाटे का बजट बनाया थ तो विपक्ष ‘हाय-तौबा’ मचा रहा था। बड़े-बड़े अर्थशास्त्री चिंता जता रहे थे लेकिन आज परिणाम सामने है, राजस्थान ने अपने राजस्व में 29 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है। कुल राजस्व में पिछली बार के 75510.92 करोड़ रुपए की तुलना में 85050.32 करोड़ रुपयों की वृद्धि हुई है। प्रदेश के टैक्स राजस्व में पिछली बार के 49,274.87 करोड़ रुपए की तुलना में 63556.49 करोड़ रुपए हासिल हुए हैं।’

राजस्थान आर्थिक परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. संतोष राजपुरोहित को उम्मीद है कि गहलोत सरकार पेटोलियम पदार्थों की कीमत घटाकर आम जन को बड़ी राहत दे सकती है। डॉ. संतोष राजपुरोहित कहते हैं, ‘इस वक्त केंद्र व राज्य को मिलाकर जनता से पेटोल-डीजल पर 52 फीसद टैक्स वसूले जा रहे हैं। वहीं, सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है कि गरीबों को 500 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध करवाएगी। अपने आपमें यह बड़ी राहत  बचत है। साथ ही जिस तरह कहा जा रहा है कि यह बजट युवाओं को समर्पित होगा तो लगता है गहलोत सरकार आर्थिक विकास पर फोकस करने के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने का प्रयास करेगी। वहीं कर्मचारियों के दो साल के प्रोबेशनल पिरियड को घटाने का भी ऐलान हो सकता है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहते हैं कि वर्तमान में राजस्थान की विकास दर 11.04 प्रतिशत वार्षिक (2022) में रही है। यह पूरे देश में आंध्रप्रदेश के बाद दूसरे नम्बर पर है। प्रदेश की सकल घरेलू उत्पाद (इनकम) पिछले 3 साल में 3 लाख करोड़ रुपए बढ़ी है। इससे प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय (पर कैपिटा इनकम) में 26.81 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ऐसे में आने वाला बजट खुशियों की सौगात लेकर आएगा, इसमें दो राय नहीं।

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