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भारतीय पुलिस सेवा 2010 बैच के अधिकारी राजीव पचार हनुमानगढ़ में बतौर जिला पुलिस अधीक्षक कार्यभार ग्रहण करेंगे। देखा जाए तो राजीव पचार अक्सर सुर्खियों में रहे हैं। उनका 13 साल का कॅरिअर उतार-चढ़ाव वाला रहा है। अलवर के बहुचर्चित गेन बलात्कार मामले में उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उन्हें हटाया गया था। हालांकि पचार ने उस वक्त अपना पक्ष रखा लेकिन सरकार ने उनकी एक नहीं सुनी।
जैसलमेर में बतौर एसपी राजीव पचार का कार्यकाल विवादों में रहा। जैसलमेर पुलिस ने मुठभेड़ में आदतन अपराधी चतुर सिह को गोली मार कर हत्या कर दी थी। नागरिकों ने तत्कालीन भाजपा सरकार को एसपी पचार को हटाने के लिए मजबूर कर दिया। नागरिकों ने इसे फर्जी एनकाउंटर करार दिया था। उसे जाट वर्सेज राजपूत का मामला बताकर राजनीतिक रंग देने की कोशिश हुई और पचार को हटना पड़ा।
पचार डूंगरपुर एसपी भी रहे। फिर उन्हें जुलाई 2016 में हनुमानगढ़ एसपी लगाने की खबर आई लेकिन जॉइन करने से पहले उनके स्थान पर भुवनभूषण यादव को हनुमानगढ़ एसपी लगाया गया। यानी हनुमानगढ़ का ‘दाना-पानी’ उन्हें साल 2016 से तलब कर रहा था। काबिलेगौर है, राजीव पचार मूलतः झुंझुनूं जिले के हैं। उन्होंने डॉक्टरी की पढ़ाई की है।