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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज यानी 26 अगस्त को गंगापुर पहुंचे। उन्होंने किसान सम्मेलन में शिरकत की। सम्मेलन में अमित शाह ने ज्यों ही संबोधन शुरू किया, कुछ लोगों ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। अचानक हुए इस घटनाक्रम से अमित शाह का मूड ऑफ हो गया। बार-बार रोकने के बावजूद जब लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी बंद नहीं की तो अमित शाह बोले-मैं गहलोत साहब को कहने आया हूं, ये चंद लोग भेजकर नारे लगाने से कुछ नहीं होता है। जरा भी शर्म बची है तो लाल डायरी के मुद्दे पर इस्तीफा देकर चुनाव मैदान में आइए और हो जाए दो-दो हाथ।’ अमित शाह की इस बात से एक बारगी सन्नाटा पसर गया। शाह ने नारेबाजी कर रहे लोगों से मुखातिब होकर कहा कि अभी जो लोग नारे लगा रहे हैं, उन्होंने नारे लगाने की बजाय चंद्रयान को बढ़ाया होता, सहकारिता मंत्रालय बनाया होता तो ये नारे नहीं लगाने पड़ते, लेकिन इसके बाद भी नारेबाजी नहीं रुकी तो शाह बोले-गहलोत जी ने कुछ लोग भेजे हैं, जो पांच मिनट में कार्यक्रम कर चले जाएंगे। मैं पॉलिटिक्स नहीं करना चाहता था, लेकिन मुझे मजबूर कर दिया।