वरिष्ठ साहित्यकार नरेश मेहन की बाल कहानियों की पुस्तक नन्ही बादली का विमोचन गुरुवार को हुआ। जिला कलक्टर कार्यालय में कलक्टर रुकमणी रियार, बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार गोपाल झा, डॉ. संतोष राजपुरोहित, सूचना का अधिकार जागृति मंच के अध्यक्ष प्रवीण मेहन, पत्रकार अदरीस खान व मनोज पुरोहित ने संयुक्त रूप से किया। कलक्टर रुकमणी रियार ने बाल कहानियां लिखने के लिए नरेश मेहन को बधाई दी। इस दौरान नरेश मेहन तथा बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा ने जिला कलक्टर को अपनी बाल कहानी व कविता संबंधी पुस्तकों का सेट भेंट किया। जिला कलक्टर ने बाल पुस्तकों को कार्यालय में आने वाले बच्चों तक पहुंचाने का भरोसा दिलाया।
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि बाल कविता एवं कहानी लेखन बहुत कठिन कर्म है। जब तक बच्चों जैसा निर्मल, सहज और स्नेह से भरा मन ना हो तब तक बाल कविता-कहानी लेखन नहीं किया जा सकता। बच्चों के लिए लिखने को बच्चे जैसा होना बेहद जरूरी है।
गौरतलब है कि नरेश मेहन हिन्दी एवं राजस्थानी भाषा में गत 40 वर्षों से लेखन कर रहे हैं। उनकी इससे पहले हिन्दी काव्य संग्रह पेड़ का दुख व घर, हिन्दी बाल कहानियां खेजड़ी बुआ तथा राजस्थानी बाल कविता रूंख नै गळे लगावां सहित कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। कहानी व काव्य सृजन के लिए एफसीआई के सेवानिवृत्त आगार प्रबंधक नरेश मेहन को करणीदान बारहठ स्मृति हिन्दी काव्य पुरस्कार, प्रजापति साहित्य पुरस्कार, सृजन सम्मान सहित कई पुरस्कार मिल चुके हैं।